हर बार तुम्हारा चेहरा, हर बार तुम्हारी आंखे,
हम खुद में कितना उतरे, हम खुद में कितना झांके,
हर बार तुम्हारा चेहरा, हर बार तुम्हारी आंखे..
हर बार यही लगता है, अब कुछ भी याद नहीं है,
हर बार गुमा होता है, कोई फैयाद नहीं है,
हर बार उम्मीदों वाली, सुबह आकार कहती है,
तुमसे बाहर आने में, अब कोई विवाद नहीं है,
पर कभी फूट पड़ती है, आँखों के सूखे जल में,
हर बार तुम्हारी कोमल, हर बार तुम्हारी शाखे,
हर बार तुम्हारा चेहरा, हर बार तुम्हारी आंखे.
हर बार हमी ने गाया दुनिया का दर्द कुवारा,
हर बार पिया है हस कर आसू का सागर सारा,
थक कर सोये है जब जब नींदों की हदबंदी में,
हर बार छलक जाता है आँखों से ख्वाब तुम्हारा,
मन पाखी ने जब चाहा इच्छा का अम्बर छूना,
हर बार उड़ाने उमड़ी हर बार कटी है पाखे,
हर बार तुम्हारा चेहरा हर बार तुम्हारी आंखे........
हर बार हमी ने गाया दुनिया का दर्द कुवारा,
हर बार पिया है हस कर आसू का सागर सारा,
थक कर सोये है जब जब नींदों की हदबंदी में,
हर बार छलक जाता है आँखों से ख्वाब तुम्हारा,
मन पाखी ने जब चाहा इच्छा का अम्बर छूना,
हर बार उड़ाने उमड़ी हर बार कटी है पाखे,
हर बार तुम्हारा चेहरा हर बार तुम्हारी आंखे........
- डा ० कुमार विश्वास
nice :)
जवाब देंहटाएंnice sir
जवाब देंहटाएंnice sir
जवाब देंहटाएंIt's Kopal ...Not Komal..
जवाब देंहटाएंधन्य है कुमार विश्वास
जवाब देंहटाएंवाह वाह क्या बात है।
जवाब देंहटाएंWaaahhh
जवाब देंहटाएंSuper sir
जवाब देंहटाएंVvvvv good
जवाब देंहटाएंVery heartouching lines sir
जवाब देंहटाएंThanks you for this ..
very heartnice touching poembase sir ji
जवाब देंहटाएंKumar Vishwas is very very nice Kavi
जवाब देंहटाएंV. Good
जवाब देंहटाएंसाहब हिंदुस्तान मे पहले भी कई कवि हुए है
जवाब देंहटाएंउन कवियों का जमाना था पर आपका युग है
धन्य हो विश्वास साहब 🙏🙏🙏🙏
Sur aapki vani logo k liyea kavita honge pr mere liyea jivan ka bhajan ho gya h ,ush ki yad aapki awaj aur mera dil bas yahi h sir aap mhan h
जवाब देंहटाएंWaaah sir
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