कुछ और मेरे बारे में.


सवालो से खफा छोटा सा जवाब हू.
जो न समझ सके उनके लिए "कौन".
जो समझ चुके उनके लिए किताब हू.
दुनिया की नज़र में जाने क्यों चुभे ऐसे.
हो गुम घटाओं में जो ऐसा चाँद हू मैं
सर उठाकर देखो वो [GOD] देख रहा है तुमको.
जिसको न देखा उसने वो चमकता आफ़ताब हू.
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे.
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हू.
अगर रख सखो तो एक निशानी हू मैं.
और कह दो तो सिर्फ एक कहानी हू मैं.
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया.
वो एक बूँद आंख का पानी हू मैं.!

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