ख्वाहिशे हो ऐसी जो आसमान को छूना चाहूँ
या रब्बा मुझे ऐसी ताकत देदे
उडूं लेकर सपनो के पंख इन आसमानों में कही
या रब्बा मुझे ऐसी ताकत देदे
बस बहुत हुए दिन बचपन के खेल खिलोनो के
अब दुनिया को अपनी पहचान दिखा दूं
या रब्बा ऐसी ताकत देदे…