आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे.
कोई तोहफा न मिला आज तक मुझे,
और आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे.
तरस गए हम किसी के हाथ से दिए वो 1 छोटे से रुमाल को,
और आज नए नए कपडे ओढ़ाये जा रहे थे.
2 कदम न साथ चलने को तैयार था कोई,
और आज काफिला बनकर जा रहे थे.
आज पता चला "मौत" कितनी हसीन होती है,
कमबख्त "हम" तो यूही जिए जा रहे थे.