.....ज़िन्दगी क्या है .....
इक सोच जो किसी को समझ ना आई
इक एहसास जो किसी ने नहीं पहचाना
इक ज़ज्बा जो कोई जुटा ना पाया
इक सपना जो कभी पूरा ना हो पाया
इक कहानी जो रही हमेशा अधूरी
इक पहेली जो कभी सुलझ न सकी .....
.....फिर भी लोग जिए जा रहे है ....
इस सोच को सोचने में खोकर
इस एहसास को जिए जा रहे है ...
भले न जुटा पाए कोई ज़ज्बा
पर रोज यही सपना जिए जा रहे है ...
कहानी भले ही रहे अधूरी उनकी
पर पहेली में यूही उलझते जा रहे है ...
....फिर भी लोग जिए जा रहे है .....
so true
जवाब देंहटाएंreminded me a song : ab tak kisi ne na jana zindgi kya kahti hai...of mann movie
nicely written
thanks a lot.....
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