शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

खुशियाँ और गम (I wrote this from my heart "sacchi")

ज़िन्दगी में माना बहुत है गम,
 लेकिन खुशिया भी नहीं है कम.

तोलो कभी इन्हें दिल के तराजू में, 
बराबर पाओगे दोनों बाजू में.

जब भी आये गम तेरे सामने, 
खुशिया खड़ी कर दो उसके आमने.

ऐसी होती है खुशिया कि गम भी मुस्कुराएगा,
 आँखों से छलकता आंसू वही रुक जायेगा.
मोती के सामान है तेरे आसू का एक कतरा.
यु ही ना बहा इसे हमेशा तू मुस्कुरा.

अगर ना होता ज़िन्दगी में कभी गम,
तो खुशियों को कोई मोल ना देते हम.
ख़ुशी और गम है ज़िन्दगी के दो पहिये,
लेकिन गुज़ारिश है आप हमेशा खुश रहिये.

हम याद करते है भगवान को जब हो गम का तमाशा,
लेकिन भूल जाते है खुशियों में उसे हमेशा.
हमेशा उसे खुशियों में धन्यवाद् कहना,
वो तेरे दामन को खुशियों से ना भर दे तो कहना.


ज़िन्दगी जीने का ये अंदाज़
मैंने अपनाया अब आप भी अपनाओ,
ख़ुशी हो या गम आप सदा मुस्कुराओ
ख़ुशी हो या गम आप सदा मुस्कुराओ....

7 टिप्‍पणियां:

  1. i like it very much________________meer dost mai itna talent chupa hua aj pata chala________areeeeeeeeeeeeeeee tu to hira h hira!!!!!!

    but sch mai bht acha likha h

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  2. thank you very much vandana ji for your golden reviews i liked it BADAM ka asar hai jo itta acha comment mara haina ;)

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  3. jindagi main khushiyo or gumo ka dera hota hai,
    Tum hamesha khus raho, ye hamari tamanna hai,
    or hum hamesha khus rahe, ye tumhari tamanna ho,
    isliye haso or hasate raho, or jindagi se gumo ke badal hatate raho,
    or naye subah ki roshni ki tarah , jindagi main sitaron ko chamkate raho.

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