रविवार, 3 अप्रैल 2011

ONE POEM FROM MY HEART AND PEN


~~~~~~~~~~~~~~~JUST FOR SOMEONE~~~~~~~~~~~~~~~
आज इस दिल में बेचैनी क्यों छाई है,
 धड़कने तेरी यादों के पैगाम लायी है.
क्या तुम भी याद करती हो मुझे इस तरह, 
मैं याद कर रहा हूँ तुम्हे जिस तरह.
क्यों मेरे जिस्म में अजीब सी सिरहन छाई है,
 शायद इसलिए क्यूंकि तेरी यादे हर जगह समाई है.
क्यों हर लम्हा मुझे लगाती है तेरी जरुरत,
 तुम्हे पता है इस दिल के हर कोने में है तेरी ही हुकूमत.
धड़कन हो गयी तेज़ इस हवा से भी,
 यादे है गहरी इस सागर से भी.
शायद कभी कल हमारा मिलना ना हो, 
लेकिन यादो का ये सिलसिला कभी धुंधला ना हो.
क्यों मैने तेरे लिए कागज कलम उठाया,
 क्यों तेरी यादो ने मुझे इतना सताया.
आज मैने फिर अपने दिल की बातों को कलम से उतारा है, 
सिर्फ मेरे उस दोस्त के लिए जो मुझे मुझसे भी प्यारा है.
सिर्फ मेरे उस दोस्त के लिए जो मुझे मुझसे भी प्यारा है.......
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~LOVE YOU~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

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