शनिवार, 2 जून 2012

तुम नजर आते हो

लम्हे गुजरते है बस तेरे इंतजार मे,
हर पल तुम याद बहुत आते हो,
कब तक समझाउ इस पागल दिल को,
क्यूं दूर बहुत हो जाते हो,
लिखू क्या अपने दिल का हाल
इस छोटे कागज के टुकडे मे,
तुम कितना मुझे तडपाती हो,
तरस जाता हूँ एक मुलाकात को
और तुम अपनी आवाज के लिए तरसाते हो,
बता देते अगर हाल अपना मुझे,
तो मिल जाता सुकून दिल को,
पर जाने क्या मजबूरी है
जो दिल मेरा जलाते हो,
वैसे तो हर रात सपनो मे संग मेरे,
हसीन लम्हे बिताये,
पर जाने क्यूं सामने आने का मौका
नही दे पाते हो,
न कोई खबर तेरी, न कोई आहट
मेरे दिल की बेचैनी को और क्यू बढाते हो,
जब भी आती है याद बहुत,
आखो से आसू छलक जाते है,
और हर आसू की बूँद मे मुझे बस
तुम नजर आते हो.....

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