बुधवार, 23 मई 2012

तुम


मेरे दिल मे बसी एक हसरत हो तुम
मेरी ऑखों को मिली शरारत हो तुम,

देखूँ तुम्हे तो पालूँ मै ये दुनिया,
ना मिलो तो मिलने की बगावत हो तुम,

तुम्हारी खामोशी कह जाती है कई बातें
जिसे याद करता है दिल कई रातें,

तुम्हारे नन्हे नन्हे से हाथ और बडी बडी बातें
याद रह जाती है तुमसे हुई मुलाकातें,

उम्मीद हो हमारी आनेवाला कल हो तुम,
हमारे दिल मे बसी मोहब्बत हो तुम.....

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