बुधवार, 30 मई 2012

प्यार हो जाये तो क्या करे....

दिल पर नही होता काबू किसीका
दिल खो जाये तो क्या करे
धीमे से कोई जादू चल जाये
और प्यार हो जाये तो क्या करे..

हौले हौले मद्धम मद्धम
चाहतो के सिलसिले शुरु होते है
इस चाहत को जो कोई रोक ना पाये
और प्यार हो जाये तो क्या करे....

कहते है लोग कि प्यार ना करना
प्यार मे लोग दीवाने हो जाते है
लेकिन ये दीवानगी ही जो लुभाने लगे
और प्यार हो जाये तो क्या करे...

मदहोशी में दिल को पाया
और दवा ना कोई काम आयी
लेकिन मदहोशी को जो मन्जिल समझे
और प्यार हो जाये तो क्या करे...

दिल के दरवाजे बन्द किये है
कि दिल मे ना कोई बस जाये
लेकिन ये दिल ही जो ना रहे अपना
और प्यार हो जाये तो क्या करे...

समझे तो है बहुत कुछ समझना
लेकिन जज्बातों की है कहा वजह कोई
बेवजह जो कोई भाने लगे
और प्यार हो जाये तो क्या करे....

दुआ तो हम भी कर सकते है
कि प्यार नही करेगे हम
पर प्यार पर कहा चलता है जोर किसिका
जो प्यार हो जाये तो क्या करे....

चलिये, प्यार से बेखबर हो जाते है हम
प्यार नही हमें ये सोच लेते है हम
लेकिन गर प्यार बसा रहे इस दिल एत
तो इस प्यार का हम क्या करे....

भूलने को तो हम प्यार को भूल जाये
प्यार के साथ देखे हर ख्वाब को भूल जाये
लेकिन दिल पर कहा चलता है जोर किसीका
इस दिल का कहो हम क्या करे...

दिल पर नही चलता जोर किसीका
दिल खो गया हमारा अब हम क्या करे
धीमे से कोई जादू चल गया
और प्यार हो गया अब हम क्या करे.........?

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