शनिवार, 18 सितंबर 2010

WHAT ARE FRIENDS

This post is entirely dedicated to the term said to be
"FRIENDSHIP"
ये दोस्त भी अजीब होते है देने पे आये तो जान देदे,
लेने पे आये तो हसी तक छीन ले,
कहने पे आये तो दिल के तमाम कोनो के रज बोल दे,
छुपाने पे आये तो ये तक न बताये की आखिर खफा क्यों है, 
नाराज़ होने पे आये तो साँस तक न लेने दे,
मानाने पे आये तो अपनी साँसों तक को वो वार दे........

इसलिए कहते है की दोस्ती ज़िन्दगी में नहीं बल्कि
ज़िन्दगी दोस्तों में होती है

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