शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

दोस्ती




दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तेफाक है,
ये तो दिलों कि मुलाक़ात है,
दोस्ती नहीं देखती कि ये दिन है कि रात है,
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात है.




दोस्त एक साहिल है तुफानो के लिए,
दोस्त एक आइना है अरमानो के लिए,
दोस्त एक महफ़िल है अंजानो के लिए,
दोस्ती एक क्वाहिश है अच्छा दोस्त पाने के लिए,


राते गुमनाम होती है
दिन किसी के नाम होता है,
हम ज़िन्दगी कुछ इस तरह जीते है
कि हर लम्हा दोस्तों के नाम होता है....

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